Thursday, 26 January 2012

गणतंत्र दिवस पर भारत ने दिखाई सैन्य ताकत

Webdunia

भारत की राजधानी दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान भारतीय सेना ने अपनी ताकत दिखाई। भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने तिरंगा फहराया और वे परेड की सलामी ले रही हैं। जहां पूरा राजपथ तिरंगे के रंग में रंग गया है वहीं सैन्य परेड और संस्कृतिक विविधता की ताकत को देखने के लिए थाइलैंड की प्रधानमंत्री मौजूद हैं

*63वें गणतंत्र दिवस का रंगारंग समारोह
*1950 को लागू हुआ था भारत का संविधा
*थलसेना और वायुसेना की तैनाती
*मुख्य अतिथि थाइलैंड की प्रधानमंत्री

*इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह की मुख्य अतिथि थाईलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा हैं।
*शहीद ले. जनरल नवदीप सिंह को मरणोपरांत अशोक चक्र दिया गया। नवदीप सिंह कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे।

राज्यों की रंगारंग झांकियां : राजपथ से ऐतिहासिक लालकिल तक गुरुवार को निकली परंपरागत गणतंत्र दिवस परेड के दौरान विभिन्न झांकियों के जरिए दुनिया की सबसे अधिक सांस्कृतिक विविधता वाले देश भारत की संस्कृति, कला, संगीत, नृत्य और त्योहारों आदि का अद्भुत संगम देखने को मिला।

बिहार की झांकी में धरहारा परंपरा के माध्यम से परिवार में बेटियों के महत्व एवं स्थान को दर्शाया गया। इस परंपरा के तहत किसी परिवार में लड़की पैदा होने पर 10 फलदार वृक्ष लगाने की परंपरा है।

पश्चिम बंगाल की झांकी नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कवि गुरू रवींद्र नाथ टैगोर को समर्पित थी जिसमें उनके द्वारा स्थापित शांति निकेतन को दर्शाया गया। जम्मू-कश्मीर ने श्रीनगर के स्थापत्यकला एवं धरोहर की झांकी पेश की तो छत्तीसगढ़ की झांकी में मिट्टी का काम करने वाले कलाकारों की पारंपरिक जिंझारी और डोंडाकी कला को प्रस्तुत किया गया।

राजपथ से ऐतिहासिक लालकिले तक सड़क के दोनों ओर खचा-खच भरे लोगों ने भारत की सांस्कृतिक विविधता को खूब सराहा। इनमें बड़ी संख्या में विदेशी भी थे। राजपथ पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के साथ सलामी मंच पर बैंठी इस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड की खास मेहमान थाइलैंड की प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा ने इन झांकियों में काफी उत्सुकता दिखाई।

महाराष्ट्र की झांकी में राज्य के ऐतिहासिक स्थलों प्राकृतिक आश्चर्यो, स्मारकों, पर्यटन स्थलों के दृश्यों की झलक देखने को मिली।

समुद्र की गोद में बसे गोवा की झांकी में वहां के लोगों के उल्लास और मस्ती भरी प्रकृति को उकेरती गोवा कार्निवल का प्रदर्शन किया गया। कर्नाटक की झांकी में प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा एवं पूजा ‘भूताराधाने’ को साकार किया गया जबकि मेघालय की झांकी में जैंतिया त्योहार को जीवंत किया। राजस्थान की झांकी में अमेर के भव्य किला को दर्शाया गया जबकि असम की झांकी में ‘भोरताल नृत्य’ को प्रस्तुत किया गया। पंजाब की झांकी में शेर ए पंजाब महाराज रंजीत सिंह की महिमा देखने को मिली।

सामुदायिक भावना के लिए संयुक्त राष्ट्र से पुरस्कृत नगालैंड की झांकी में आपसी भाईचारे को दिखाया गया, वहीं किरत खाम्बू राय समुदाय के मनाए जाने वाले साकेवा त्योहार का प्रदर्शन सिक्किम की झांकी के जरिए हुआ।

इसी प्रकार, कपड़ा मंत्रालय की झांकी में हस्तशिल्प, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की झांकी में साक्षर भारत, आदिवासी मामलों के मंत्रालय द्वारा आदिवासी सशक्तिकरण, सीपीडल्यूडी की झांकी में बर्फ की घाटी, चुनाव आयोग की झांकी में राष्ट्रीय मतदाता दिवस और वित्त मंत्रालय की झांकी में आर्थिक मोचरे को मजबूत करने के लिए उठाये गए कदमों का प्रदर्शन किया गया।

गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान कृषि मंत्रालय की झांकी में कृषि क्षेत्र के विविधिकरण, इस्पात मंत्रालय की झांकी में इस्पात के राष्ट्र को मजबूत बनाने, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की झांकी में राष्ट्रीय ई प्रशासन और रेल मंत्रालय की झांकी में पंजाब मेल का प्रदर्शन किया गया।

इस बार की परेड में 23 राज्यों और केन्द्रीय मंत्रालयों एवं विभागों की झाकियां देश की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत से जुड़ी झांकियों का प्रदर्शन किया गया । राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार 2009 के लिए चुने गए 24 बच्चों में से 19 परेड में हिस्सा लिया।

इस बार की परेड में 23 राज्यों और केन्द्रीय मंत्रालयों एवं विभागों की झांकियों के जरिए देश के विकास और ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत से जुड़े पहलुओं का प्रदर्शन किया गया। राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार 2009 के लिए चुने गए 24 बच्चों में से 19 परेड में हिस्सा लिया। दिल्ली के दो स्कूलों के 1200 छात्र-छात्राओं और विभिन्न सांस्कृतिक केन्द्रों के कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दी जबकि बीएसएफ के 154 जवान 30 मोटरसाइकिलों पर हैरतअंगेज करतब दिखाए।

सैन्य परेड : परेड के दौरान देश के रक्षा विकास एवं अनुसंधशन संगठन द्वारा विकसित 3000 किलोमीटर तक मार करने वाली अग्नि-4 मिसाइल, 150 किलोमीटर तक मार करने वाली ‘प्रहार’ मिसाइल और मानवरहित विमान ‘रूस्तम-1’ को दर्शाया गया। ध्वजारोहण के तुरंत बाद 21 तोपों की सलामी के बीच गजराज की तरह आसमान से मंडराते एमआई 17 हेलीकॉप्टरों ने गुलाब की पंखुरियां बिखेरी तो राजपथ पर बैठे सैकड़ों दर्शक मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह सके।

भारतीय सेना टी-72 टैंक, बहुप्रक्षेपण राकेट प्रणाली, पिनाका मल्टी बैरल राकेट प्रणाली और जैमर स्टेशन वीएचएफ (यूएचएफ) का भी प्रदर्शन किया गया। सेना के उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ‘ध्रुव’ ने आकाश में स्वदेशी तकनीकी क्षमता की पताका फहराई। भारतीय वायुसेना ने पहली बार सी-130-जे सुपर हरक्यूलिस विमान का प्रदर्शन किया।

परेड के दौरान परमाणु जैविक रासायनिक शुद्धिकरण प्रणाली के अलावा जैमर स्टेशन का भी प्रदर्शन किया गया। परेड में सेना की 61वीं कैवेलरी, पैराशूट रेजीमेंट, बंगाल इंजीनियर ग्रुप, ब्रिगेड आफ गार्डस, कुमाउं रेजीमेंट, असम रेजीमेंट, महार रेजीमेंट, गोरखा राइफल्स रेजीमेंट और कोर आफ मिल्रिटी पुलिस के जवान शामिल थे।

नौसेना के दस्ते में लेफ्टिनेंट मणिकंदन के. के नेतृत्व में 148 जवानों और वायुसेना के दस्ते में फ्लाइट लेफ्टिनेंट स्नेहा शेखावटे के नेतृत्व में 144 अन्य जवानों ने राष्ट्रपति को सलामी दी। इंस्पेक्टर अनिल कुमार की अगुवाई में 30 बाइक पर सवार 154 जवानों का जाबांज प्रदर्शन।

वायुसेना के सी-130-जे सुपर हरक्यूलिस विमान पहली बार परेड में शामिल हुए। परेड के समापन पर फ्लाईपास्ट का नेतृत्व तीन एमआई-35 हेलीकॉप्टरों ने किया। उनके पीछे एक आईएल-78, दो एएन-32 और दो ड्रोनियर ने आकाश में भारत की शक्ति का प्रदर्शन किया।

इसके बाद, पांच जगुआर और पांच मिग-29 लड़ाकू विमानों ने आकाश के सीने को चीरते हुए गणतंत्र का जयघोष किया। एसयू-30 एमकेआई विमान भी फ्लाईपास्ट का हिस्सा बने।

अर्धसैनिक बलों और अन्य असैन्य बलों मसलन सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, तटरक्षक बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सशस्त्र सीमा बल, रेलवे सुरक्षा बल, दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय कैडेट कोर और राष्ट्रीय सेवा योजना के दस्तों ने भी मार्च पास्ट में हिस्सा लिया।

कड़ी सुरक्षा : चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच इस बार की परेड का एक महत्वपूर्ण आकर्षण खोजी कुत्ते थे जिन पर दिल्ली पुलिस का बम निरोधक दस्ता और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड आतंकवादी घटनाओं और अन्य वारदात की जांच में बहुत भरोसा करते हैं। खोजी कुत्तों ने कई तरह की दक्षता का प्रदर्शन किया।

गणतंत्र दिवस समारोह के लिए सुरक्षा के चाक चौबंद प्रबंध किए गए और किसी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए अर्ध सैनिक बलों, दिल्ली पुलिस के जवानों के अलावा एनएसजी को तैनात किया गया। ऊंची इमारतों पर अचूक निशानेबाज तैनात थे तो हेलीकॉप्टरों से वायु निगरानी की व्यवस्था करने के साथ क्लोज सर्किट कैमरे लगाए गए। परेड जिस रास्ते से गुजर रही थी उसके आस पास की हर इमारत पर सुरक्षा बल चौकसी बरत रहे थे।

गणतंत्र दिवस समारोह का समापन राष्ट्रगान और आकाश में गुब्बारे छोड़ने के साथ हुआ।

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