लोकपाल विधेयक पर संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट के खिलाफ एक दिवसीय अनशन शुरू करने से पहले अन्ना हजारे रविवार सुबह महात्मा गांधी के समाधिस्थल राजघाट गए। महात्मा गांधी की समाधि पर फूल चढ़ाने के बाद वहां कुछ देर ध्यान लगाया और राजघाट से वे सीधे जंतर-मंतर पहुंचे और सांकेतिक अनशन शुरू किया।
अन्ना आज सुबह महाराष्ट्र सदन से राजघाट के लिए निकले। वे सुबह लगभग सवा नौ बजे राजघाट पहुंचे। गांधी की समाधि पर फूल चढ़ाने के बाद उन्होंने कुछ देर वहां ध्यान भी लगाया। राजघाट में पिछली बार की तरह इस बार उनके सभी समर्थकों को नहीं आने दिया गया। केवल कुछ ही समर्थक उनके साथ मौजूद थे।
सफेद कुर्ता और गांधी टोपी पहने अन्ना के साथ उनके साथी मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी थे। जब गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता राजघाट पहुंचे तो वहां मीडिया जगत से जुड़े लोग और अन्ना पक्ष के कई समर्थक मौजूद थे। बापू के समाधि स्थल के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया गया था। अन्ना सुबह सवा दस बजे जंतर-मंतर पहुंचे।
इस बीच जंतर मंतर पर ऐलान किया गया कि देशभर में 28 जगहों पर एक दिन का सांकेतिक अनशन शुरू हो चुका है। यह अनशन शाम तक चलेगा।
यहां से वे जंतर-मंतर के लिए रवाना हो गए। जहां वे अपने चार साथियों के साथ सांकेतिक अनशन पर बैठेंगे। अन्ना का 27 दिसंबर से रामलीला मैदान में आठ दिन का अनशन फिर शुरू होगा।
अनशन स्थल पर टीम अन्ना ने खुली बहस भी करवाने का फैसला किया है। इसमें राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली, भाकपा नेता एबी वर्धन, माकपा नेता वृंदा करात, जदयू के शरद यादव समेत कई नेता भाग लेंगे। हालांकि कांग्रेस इस बहस में भाग लेंगे।






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