समाज सेवक अन्ना हजारे ने अपने ब्लॉग को लेकर नया विवाद खड़ा होने के बाद शनिवार को कहा कि वह दिल्ली से अपने गांव जा कर सबसे पहले इस ब्लॉग को बंद करेंगे।
गुरुवार की रात यहां आए हजारे आज दोपहर पुणे के लिए रवाना हो गए। रवानगी से पहले संवाददाताओं द्वारा उनके ब्लॉग के संबंध में सवाल पूछे जाने पर हजारे ने कहा कि मैं अपने गांव (रालेगण सिद्धी) जाकर सबसे पहले इस ब्लॉग को बंद करूंगा।
गौरतलब है कि पिछले महीने से शुरू हुए हजारे के ब्लॉग का कामकाज संभाल रहे राजू परूलेकर ने आज उन्हीं के (हजारे के) ब्लॉग पर 23 अक्टूबर का मराठी में हाथ से लिखा गांधीवादी कार्यकर्ता का पत्र चस्पां कर दिया और अपनी टिप्पणियां डाल दीं।
परूलेकर ने हजारे के ब्लॉग पर अपनी टिप्पणियों में आरोप लगाया है कि 23 अक्टूबर 2011 को दोपहर ढ़ाई बजे हजारे ने अपना लिखा ब्लॉग मुझे सौंपा। हजारे ने केजरीवाल, भूषण और बेदी से अलग होने का मन बना लिया था। लेकिन अन्ना के सहयोगी सुरेश (पठारे) ने मुझे इन टिप्पणियों को ब्लॉग पर डालने से मना किया था।
इस विवाद के बारे में हजारे से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर परूलेकर ने कोई चिट्ठी डाली है तो उस पर मेरे हस्ताक्षर होने चाहिए। आप उसे तभी मेरी लिखी हुई बात मानिए जब उस पर मेरे हस्ताक्षर हों।
गांधीवादी हजारे ने प्रश्न किया कि उनकी टीम पर लगातार आरोप लगते रहे हैं और यह विवाद क्या इसी साजिश का हिस्सा नहीं हैं? इस सीधे सवाल पर कि क्या उन्होंने अपनी कोर समिति को भंग करने का निर्णय कर लिया था, हजारे ने कहा कि जब कभी टीम पर गंभीर आरोप लगे तो कई बार यह विचार आया। कई बार मैंने सोचा कि इसे बदल दूं लेकिन कुछ भी अंतिम तब ही होगा जब मैं निर्णय कर लूं।
गौरतलब है कि हजारे के 19 दिन के मौन व्रत के दौरान उनकी टीम के सदस्य अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी और प्रशांत भूषण अलग-अलग कारणों की वजह से विवादों में आए। हजारे आज दोपहर दिल्ली से पुणे के लिए रवाना हो गए जहां से वह रालेगण सिद्धी जाएंगे।
हजारे ने कल राजघाट पर जा कर अपना मौन व्रत तोड़ा था। शाम को उन्होंने लोकपाल विधेयक पर गौर कर रही स्थायी संसदीय समिति को अपने विचारों से अवगत कराया था और रात को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भुवनचंद खंडूडी से मुलाकात की थी।
गुरुवार की रात यहां आए हजारे आज दोपहर पुणे के लिए रवाना हो गए। रवानगी से पहले संवाददाताओं द्वारा उनके ब्लॉग के संबंध में सवाल पूछे जाने पर हजारे ने कहा कि मैं अपने गांव (रालेगण सिद्धी) जाकर सबसे पहले इस ब्लॉग को बंद करूंगा।
गौरतलब है कि पिछले महीने से शुरू हुए हजारे के ब्लॉग का कामकाज संभाल रहे राजू परूलेकर ने आज उन्हीं के (हजारे के) ब्लॉग पर 23 अक्टूबर का मराठी में हाथ से लिखा गांधीवादी कार्यकर्ता का पत्र चस्पां कर दिया और अपनी टिप्पणियां डाल दीं।
परूलेकर ने हजारे के ब्लॉग पर अपनी टिप्पणियों में आरोप लगाया है कि 23 अक्टूबर 2011 को दोपहर ढ़ाई बजे हजारे ने अपना लिखा ब्लॉग मुझे सौंपा। हजारे ने केजरीवाल, भूषण और बेदी से अलग होने का मन बना लिया था। लेकिन अन्ना के सहयोगी सुरेश (पठारे) ने मुझे इन टिप्पणियों को ब्लॉग पर डालने से मना किया था।
इस विवाद के बारे में हजारे से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर परूलेकर ने कोई चिट्ठी डाली है तो उस पर मेरे हस्ताक्षर होने चाहिए। आप उसे तभी मेरी लिखी हुई बात मानिए जब उस पर मेरे हस्ताक्षर हों।
गांधीवादी हजारे ने प्रश्न किया कि उनकी टीम पर लगातार आरोप लगते रहे हैं और यह विवाद क्या इसी साजिश का हिस्सा नहीं हैं? इस सीधे सवाल पर कि क्या उन्होंने अपनी कोर समिति को भंग करने का निर्णय कर लिया था, हजारे ने कहा कि जब कभी टीम पर गंभीर आरोप लगे तो कई बार यह विचार आया। कई बार मैंने सोचा कि इसे बदल दूं लेकिन कुछ भी अंतिम तब ही होगा जब मैं निर्णय कर लूं।
गौरतलब है कि हजारे के 19 दिन के मौन व्रत के दौरान उनकी टीम के सदस्य अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी और प्रशांत भूषण अलग-अलग कारणों की वजह से विवादों में आए। हजारे आज दोपहर दिल्ली से पुणे के लिए रवाना हो गए जहां से वह रालेगण सिद्धी जाएंगे।
हजारे ने कल राजघाट पर जा कर अपना मौन व्रत तोड़ा था। शाम को उन्होंने लोकपाल विधेयक पर गौर कर रही स्थायी संसदीय समिति को अपने विचारों से अवगत कराया था और रात को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भुवनचंद खंडूडी से मुलाकात की थी।
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