Friday, 11 November 2011

'मन' बोले, अमन पसंद हैं गिलानी

भारत-पाक संबंधों के सामान्यीकरण की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह और पाकिस्तान के उनके समकक्ष युसुफ रजा गिलानी ने उदार वीजा नियमों को जल्द से जल्द लागू करने की इच्छा जताई।

बैठक के बाद प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने कहा कि अगले दौर की बातचीत कहीं अधिक सार्थक होगी और दोनों देशों को एक-दूसरे के और करीब लाएगी। अपने पाकिस्तानी समकक्ष की तारीफ के पुल बांधते हुए मनमोहनसिंह ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री गिलानी को हमेशा अमन पसंद व्यक्ति के तौर पर देखा।

दक्षेस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां आए सिंह और गिलानी के बीच तकरीबन एक घंटे की बातचीत के दौरान सिंह ने गिलानी से कहा कि मुंबई हमले के दोषियों को कानून के दायरे में लाना जरूरी है।

सिंह ने कहा कि दोनो पक्ष द्विपक्षीय संबंधों में अब तक हुई प्रगति से खुश हैं। उन्होंने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप के दौर को पीछे छोड़ देना चाहिए।

सिंह ने कहा कि अब तक हुई प्रगति से हम खुश हैं। भारतीय प्रधानमंत्री की राय से इत्तिफाक रखते हुए गिलानी ने कहा कि हमारी मुलाकात बहुत अच्छी रही। हम सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

सिंह-गिलानी मुलाकात के बाद विदेश सचिव रंजन मथाई ने बताया कि दोनो प्रधानमंत्रियों की राय में दोनो पड़ोसी देशों के बीच जिस उदार वीजा प्रणाली पर बातचीत चल रही है उसे जल्द से जल्द लागू कर दिया जाना चाहिए।

सिंह और गिलानी के बीच इस वर्ष यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले गिलानी मोहाली में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए विश्व कप क्रिकेट का सेमीफाइनल मुकाबला देखने आए थे और भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। पिछले 18 महीने में दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी बैठक है। पिछले साल भूटान में 16वें दक्षेस शिखर सम्मेलन से इतर भी दोनों नेताओं ने बात की थी।

गिलानी ने कहा कि बैठक में कश्मीर, सर क्रीक और व्यापार सहित तमाम मूल द्विपक्षीय मामलों पर चर्चा की गई।

पिछले सप्ताह पाकिस्तान द्वारा भारत को सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र का दर्जा देने का अहम फैसला 18 महीने पहले थिंपू में दोनो देशों के बीच हुई बातचीत का सिलसिला उसी सकारात्मक माहौल में आगे बढ़ाने की वजह साबित हुआ। भारत ने 16 वर्ष पहले पाकिस्तान को यह दर्जा दिया था।

इसके अलावा पाकिस्तान ने पिछले महीने रास्ता भटक कर नियंत्रण रेखा के पार पाक अधिकृत कश्मीर में चले गए भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर को लौटा कर भी अपने नेक इरादे जाहिर किए थे। भारत ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट के लिए पाकिस्तान की दावेदारी का समर्थन करके अच्छे पड़ौसी का धर्म निभाया था।

प्रधानमंत्री ने कहा ‍कि हमने पिछले वर्ष थिंपू में एक नई प्रक्रिया की शुरुआत की थी। उस बातचीत के सकारात्मक परिणाम आए, लेकिन अभी और प्रयास किए जाने की जरूरत है। इसलिए हमने इस बातचीत को इस उम्मीद के साथ शुरू करने का फैसला किया कि संबंधों को बेहतर बनाने वाले मामलों पर ही बात की जाएगी।

सिंह ने कहा कि मैं खुश हूं कि प्रधानमंत्री गिलानी ने उनके इस ख्याल से सहमति जताई कि हमारे पास अनूठा अवसर है इसलिए बातचीत का अगला दौर कहीं ज्यादा सार्थक और परिणामोन्मुखी तथा दोनो देशों को और करीब लाने वाला होना चाहिए। गिलानी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए भारत का धन्यवाद किया।

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