Friday, 11 November 2011

जनता हैरान, सरकार परेशान, फिर भी बढ़ रहे हैं दाम

सरकार पशोपेश में है। सब चाहते हैं कि महंगाई कम हो पर साथ हहर व्यक्ति यह भी चाहता है कि उसे अपने काम-धंधे से ज्यादा से ज्यादा लाभ हो। कच्चे माल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, मजदूरी बढ़ रही है, माल को लाने ले जाने की लागत भी बढ़ रही है तो उत्पादक और विक्रेता भी ज्यादा लाभ क्यों न कमाएं। इसी सोच ने शायद सरकार को बेबस कर दिया है। आइए नजर डालते हैं कुछ वस्तुओं की ओर जिनके दाम पर लगाम कसने में सरकार नाकाम रही है।

तेल : सरकार और तेल कंपनियों की जुगलबंदी ने आम जनता की नाक में दम कर रखा है। तेल कंपनियों से सरकार को जहां टैक्स के रूप में भारी राजस्व मिलता है वहीं सरकार इन कंपनियों को इसके बदले सबसिडी देती है। अब सरकार टैक्स तो लेना चाहती है पर सबसिडी नहीं देना चाहती और इस कारण उसने पेट्रोल के दाम नियंत्रण मुक्त कर दिए। नतीजा सबके सामने है देखते ही देखते दिल्ली में इसके दाम 50 से बढ़कर 68 तक पहुंच गए। राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए करों के कारण कुछ राज्यों में इसके दाम 73 रुपए प्रति लिटर से भी ज्यादा है।


अब तेल कंपनियों की नजर डीजल और रसोई गैस पर नियंत्रण स्थापित करने पर है। सरकार सब्सिडी का रोना रोकर यह भी कर देगी। तेल कंपनियां मालामाल हो जाएगी और आम आदमी सरकार को कोसने के सिवा कर भी क्या सकता है। तेल कंपनियां सरकार से सब्सिडी भी चाहती है और तेल पर नियंत्रण भी और तरह-तरह के बहाने बनाकर सरकार पर दबाव बनाएं हुए है।

0 comments:

Post a Comment

Share

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More