Friday, 11 November 2011

ब्रेकिंग न्यूज़ नहीं है जूनियर बच्चन...

आबादी के बोझ से दबे जा रहे इस देश में क्या बच्चा पैदा होना वाकई बड़ी खबर है? इस देश में जो घटना सबसे ज्यादा घटती है, वो बच्चे का पैदा होना ही है। कुछ लोग बच्चा पैदा होने पर मिठाई बाँटते हैं। क्यों भाई? क्या इसकी संभावना नहीं थी? शादी की है, तो औलाद होगी ही। इसमें मिठाई की क्या बात है? मगर मिठाई बाँटी जाती है।

अमिताभ बच्चन के दादा बनने की खबर को लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ऐसे उतावला है, जैसे नेग मिलने वाला हो। बल्कि जिन्हें नेग मिलने वाला हो, वे भी इतने उतावले नहीं होते। ब्रॉडकास्ट एडिटर्स एसोसिएशन ने न्यूज़ चैनलों को हिदायतें दी हैं कि अमिताभ के घर बच्चा होने की खबर पर जमीन-आसमान एक न किया जाए। मगर बात का बतंगड़ बनाने के आदी हो चुके चैनल वाले इन हिदायतों पर अमल करेंगे, इस पर सभी को गहरा शक है।

एसोसिएशन ने हिदायतें भी कुछ ज्यादा कड़ी दी हैं। इन हिदायतों में कहा गया है कि जब तक बच्चा पैदा हो जाने की खबर ऑफिशियली न मिल जाए तब तक उसे पैदा हुआ घोषित न किया जाए। जब अमिताभ के घर से बच्चे का फोटो भेजा जाए तभी दिखाया जाए।

अमिताभ लाख कहें कि उन्होंने एसोसिएशन से ऐसी अपील जारी नहीं कराई, मगर इस पर शायद ही कोई यकीन करेगा। टीवी चैनल वाले इतना औंधा-ढाला करते रहे, तब कभी एसोसिएशन ने नोटिस नहीं लिया और जब ऐश्वर्या राय माँ बन रही हैं, तो एसोसिएशन जागा है? ये जागना खुद से नहीं है। अमिताभ या उनके परिवार ने जरूर ऐसी कोशिश की होगी कि एसोसिएशन अपील जारी करे।

चैनल वालों से यह भी कहा गया है कि वे अमिताभ के घर के बाहर और अस्पताल के बाहर ओबी वैन खड़ी न करें। खबर को "ब्रेकिंग न्यूज" में न दिखाया जाए। बच्चे के जन्म के बाद कोई ज्योतिष बच्चे को लेकर अपना ज्ञान न बघारे। खबर को सिर्फ एक से डेढ़ मिनट में निपटा दिया जाए। अस्पताल में घुसने की कोशिश भी न की जाए।

ये एक निर्णायक मौका भी है। अगर एसोसिएशन की बात चैनल वाले मान जाते हैं तो तय हो जाएगा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया खुद अपनी मर्जी और विवेक से संयमित और अनुशासित रह सकता है। अगर अपील दरगुजर कर दी गई तो साबित हो जाएगा कि जो लोग इन चैनलों पर अंकुश लगाने की माँग करते हैं, ठीक करते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को वाकई सरकारी या अर्धसरकारी नियंत्रण की आवश्यकता है। अमिताभ के घर बच्चा पैदा होने के बाद यह देखना पड़ेगा कि क्या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संयमित रहा? वैसे इसकी संभावना बहुत ही कम है। सार्थक खबरों से परहेज करने वाले न्यूज चैनल इस खबर को घंटों खींचने वाले हैं।

0 comments:

Post a Comment

Share

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More