Tuesday, 22 November 2011

ब्लॉगिंग की दुनिया में अन्ना हजारे की वापसी

पूर्व ब्लॉगर के साथ विवाद के बाद अपना ब्लॉग बंद करने वाले गांधीवादी अन्ना हजारे ने मंगलवार को अपने नए ब्लॉग में गांवों के सर्वांगीण विकास का सपना बुनते हुए इसमें ‘सद्चरित्र’ उद्योगपतियों को शामिल करने की जरूरत बताई।

पिछले ब्लॉग में अन्ना हजारे जहां क्रांति को लंबे समय तक जिंदा रखने का आह्वान करते हैं वहीं नए ब्लॉग में उन्होंने जनलोकपाल और खुद के लिए समर्थन मांगा है। नए ब्लॉग को उनके संगठन ‘इंडिया अंगेस्ट करप्शन’ के पते के साथ जोड़ा गया है। इसके अलावा ब्लॉग अंग्रेजी और हिंदी में है। पहले उनके ब्लॉग मराठी और अंग्रेजी में आते रहे हैं।

अन्ना हजारे ने अपने ब्लॉग में जनलोकपाल, चुनाव सुधार और शक्तियों के विक्रेंद्रीकरण के अलावा भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये आदर्श गांवों के विकास का ताजा एजेंडा पेश किया।

हजारे ने देश के ग्रामीण विकास के लिए अपने गांव रालेगण सिद्धि का उदाहरण दिया और इस काम में ‘सद्चरित्र’ उद्योगपतियों को शामिल करने की जरूरत पर बल दिया जो देश की सेवा करने के लिए इच्छुक हों जैसे महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन में कुछ ने मदद की थी।

गांधीवादी हजारे ने अपने ब्लॉगर राजू पारूलेकर के साथ विवाद के बाद इस महीने के पहले सप्ताह में अपना ब्लॉग बंद कर दिया था। उन्होंने आज नए पते के साथ नया ब्लॉग लिखा। पेशे से पत्रकार पारूलेकर हजारे के ब्लॉग का प्रबंधन करते थे।

हजारे ने आरोप लगाया था कि पारूलेकर ने बिना उनसे बात किए टीम अन्ना की कोर कमेटी के पुर्नगठन पर उनका विचार जारी कर दिया था। हालांकि पारूलेकर ने इस आरोप का खंडन किया और हजारे का अप्रकाशित पत्र सार्वजनिक कर दिया, जिसमें उन्होंने टीम को पुर्नगठित करने की बात कही थी।

अपने ताजा ब्लॉग में हजारे ने बड़े उद्योगों का समर्थन करने वाले नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे देश के कई नेताओं को लगा कि बड़े बड़े उद्योग खड़े किए बिना देश का विकास नहीं होगा और हमारे नेता बड़े-बड़े उद्योग खड़े करने में लग गए। जैसे-जैसे शहरों में उद्योग खड़े होते गए वैसे-वैसे गांव के लोग शहर की तरफ बढ़ते गए। शहर फैलते गए और झोपड़ियां बढ़ती गई, अपराध बढ़ गए और प्रकृति एवं मानवता का शोषण शुरू हुआ।

उन्होंने बड़े उद्योगों को बढ़ावा देने वाली नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश के विकास का सपना देखते हुए बड़े पैमाने पर उद्योग खड़ा कर दिया गया। उद्योग खड़ा करने के बाद 65 साल में देश का सही विकास हुआ दिखाई देना चाहिये था लेकिन देश की तस्वीर क्या है?

हजारे ने कहा कि देश का सही विकास करना तो एक तरफ देश में बढ़ते भ्रष्टाचार को रोकने के लिए जनलोकपाल और जनलोकायुक्त कानून पास कराने के लिये प्रयास हो रहा है और अन्य कई प्रकार के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए चुनाव सुधार, खारिज करने का अधिकार, सत्ता के विकेंद्रीकरण के कानून बनवाने हैं और साथ-साथ कानूनों का सही अमल होने के लिए प्रयास किया जाना है।

उन्होंने कहा कि देश के विविध हिस्सों में सौ आदर्श गांव बनाने हैं। एक तरफ भ्रष्टाचार को रोकना और दूसरी तरफ आदर्श गांव का निर्माण करना देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण काम है।

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