Sunday, 6 November 2011

सुरेश रैना की प्रतिस्पर्धा खुद से

वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट मैच के लिए टीम से बाहर रखे गए भारतीय ऑलराउंडर सुरेश रैना ने कहा है कि मौजूदा क्रिकेट में उनकी प्रतियोगिता किसी और खिलाड़ी से नहीं बल्कि खुद से है।

टीम में नहीं चुने जाने के बाद पंजाब के खिलाफ यहां रणजी मैच में शानदार दोहरा शतक ठोककर चयनकर्ताओं को करारा जवाब देने वाले रैना ने कहा पिछले कुछ मैचों में क्रीज पर लंबे समय तक बस टिके रहना मेरी रणनीति का हिस्सा था लेकिन आगे चलकर इसके कारण रन बनाने में दिक्कत आई।

उन्होंने कहा वेस्टइंडीज में मेरा प्रदर्शन काफी अच्छा ही रहा था जब मैंने उस दौरे पर तीन अर्द्धशतक बनाए। लॉर्ड्स टेस्ट में अपने 80 रन की पारी की बदौलत मैं मैच बचाने में कामयाब रहा लेकिन इसके बाद दुर्भाग्य से मैं रन नहीं बना सका।

जब उनसे टीम इंडिया में अपना स्थान पक्का करने के बारे में पूछा गया तो रैना ने कहा मैं सिर्फ खुद से प्रतियोगिता कर रहा हूं। इस समय मेरी उम्र सिर्फ 24 वर्ष है और मैं हर फार्मेट में सफल होना चाहता हूं। जहां तक टीम की बात है निश्चित रूप से मैं टीम इंडिया में जगह पक्का करना चाहूंगा।

रैना ने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज जैसी टीमों के खिलाफ हर जगह खेलना और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं और घरेलू क्रिकेट में भी खुद को स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पांच से छह बडी पारियां उन्हें इस लक्ष्य को पाने में मदद करेगी।

पंजाब के खिलाफ इस मैच में अपनी पारी के बारे में रैना ने कहा यह पारी मेरे लिए काफी अच्छी रही। मैं तो केवल वनडे की अपनी फॉर्म को लंबे फॉर्मेट में भी बरकरार रखना चाहता था और ऐसा करने में कामयाब रहा।

उन्होंने कहा यह दोहरा शतक काफी खुशी देने वाला है। मैं छठे-सातवें नंबर पर भी बल्लेबाजी कर खुश हूं। इस क्रम में रन बनाना आसान नहीं होता है लेकिन मैं बड़ी पारी खेलने में कामयाब रहा।

तिहरे शतक की संभावना के बावजूद पारी घोषित करने के बारे में पूछे जाने पर रैना ने कहा मैं स्वार्थी नहीं बनना चाहता हूं। टीम का हित पहले है और जीत ज्यादा जरूरी हैं। आप अगर ध्यान दें तो भारतीय टीम के वेस्टइंडीज दौरे पर भी मैंने टीम हितों को हमेशा तवज्जो दी।

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