Wednesday, 16 November 2011

लोकप्रियता के शीर्ष पर, विकास पर है नजर

वर्तमान में देश में भ्रष्टाचार और महंगाई की चर्चा है। महंगाई, भ्रष्टाचार, घोटालों ने जनता का जीना मुहाल कर रखा है। राज्य केंद्र पर पर्याप्त मदद नहीं मिलने का आरोप लगा रहे हैं तो केंद्र का कहना है कि राज्य उन्हें मिल रही मदद का पर्याप्त फायदा नहीं उठा रहे हैं। निवेशक राज्यों में निवेश करना चाहते हैं पर उन्हें पर्याप्त भूमि नहीं मिल पा रही है। बिजली, पानी जैसी आधारभूत समस्याओं ने भी निवेशकों को परेशान कर रखा है।

इस निराशाजनक स्थिति में भी कुछ राज्य बाकियों से अलग खड़े नजर आ रहे हैं। इन राज्यों के मुख्यमंत्री दमदार हैं। वे जानते हैं कि किस प्रकार निवेशकों को रिझाना है, ‍कैसे जनता को संतुष्ट करना है और किस तरह से राज्य को विकास के पथ पर आगे ले जाना है। प्रस्तुत सूची में हमने ऐसे ही कुछ मुख्यमंत्रियों पर प्रकाश डाला है इनमें से अधिकांश दो या उससे अधिक बार राज्य की कमान संभाल चुके हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमं‍त्री ममता बनर्जी को इस सूची में इसलिए शामिल किया है वे इस पद पर न रहते हुए भी बंगाल के विकास में बेहतर योगदान दे रही थीं। आज वे प्रदेश की मुख्यमं‍त्री हैं और अपने तेजतर्रार अंदाज से प्रदेश को विकास के पथ पर ले जाने का माद्दा रखती हैं।

नरेंद्र मोदी : भारत के सबसे विकसित राज्य गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को विकास का रोल मॉडल माना जाता है। कई लोग उन्हें प्रधानमंत्री पद का सबसे बेहतर दावेदार मानते हैं। अमेरिकी कांग्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में गुजरात को भारत में अच्छे प्रशासन और विकास का सबसे अच्छा उदाहरण बताया है। चीन और जापान के कई औद्योगिक घराने गुजरात में अपनी यूनिट स्थापित करने को बेताब है। टाटा के बाद मारुति ने भी मोदी के राज में एक निर्माण ईकाई स्थापित करने का निर्णय लिया है। कई बड़ी कंपनियों का रुख गुजरात की और होने से वहां रोजगार भी बड़ा है।


मोदी और विवादों को भी एक-दूसरे का पर्याय माना जाता है। पिछले दिनों अहमदाबाद में हाईटैक उपवास के बाद देशभर में उनकी जमकर आलोचना की गई। विपक्ष उन्हें तानाशाह बताता है। गोधरा कांड, पूर्व आईपीएल संजीव भट्ट हलफनामा, हरेन पंड्या हत्याकांड, इशरत जहां एनकाउंटर और लोकायुक्त मामले उन्हें परेशान करते रहे हैं।

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