प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह बाली में भारत-आसियान एवं पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद शनिवार को दो दिनों के दौरे पर सिंगापुर पहुंच गए।
सिंह यहां सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सेन लूंग से आर्थिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक एवं दोनों देशों की जनता के बीच रिश्ते प्रगाढ़ बनाने को लेकर बातचीत करेंगे।
आसियान देशों में सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारत में दूसरा सबसे बड़ा निवेशक है। सिंगापुर पहला देश है जिसके साथ 2005 में भारत ने समग्र आर्थिक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
प्रधानमंत्री सिंह यहां जवाहरलाल नेहरू की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करेंगे। चीन के पूर्व राष्ट्रपति देंग शिआओपिंग सहित दुनिया के दिग्गज व्यक्तियों की प्रतिमा की बगल में इस आवक्ष प्रतिमा का निर्माण किया गया है।
प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह अपनी दो दिन की यात्रा के दौरान ‘फ्रेंड्स ऑफ आवर शोर’ नामक श्रृंखला के तहत निर्मित इस प्रतिमा का यहां अनावरण करेंगे।
2004 से शुरू हुई इस श्रृंखला में अभी तक यहां चार प्रतिमाओं का निर्माण किया गया है। पोलिश अंग्रेजी लेखक जोसेफ कॉनरैड (2004), आधुनिक वियतनाम के राष्ट्रपिता हो ची मिन्ह (2008), फिलीपीन के क्रांतिकारी नेता जोस रिजाल (2008) और देंग (2010) की प्रतिमाएं यहां स्थापित की गई हैं।
भारत-सिंगापुर संबंधों में नेहरू के योगदान के सम्मान में यह प्रतिमा स्थापित की गई है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने 330x460x510 मिलीमीटर आकार वाली इस आवक्ष प्रतिमा के निर्माण के लिए शिल्पकार विमान बोस को नियुक्त किया था। सिंगापुर नदी से लगे एशियन सिविलाइजेशन संग्रहालय में यह श्रृंखला स्थित है। यह इलाका ऐतिहासिक है क्योंकि आधुनिक सिंगापुर का निर्माण यहीं से शुरू हुआ।
सिंगापुर पहुंचने से पहले मनमोहन ने बाली में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में मनमोहन ने यूरोपीय वित्तीय संकट का जिक्र किया और पूर्वी एशिया एवं भारत के बीच बड़े पैमाने पर आर्थिक एकीकरण पर भी जोर दिया।
भारत-आसियान शिखर बैठक को संबोधित करते हुए सिंह ने आतंकवाद, समुद्री सुरक्षा, प्रशिक्षण और युद्ध अभ्यासों सहित कई क्षेत्रों में परस्पर सहयोग एवं निकटता बढ़ाने पर जोर दिया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और चीन के अपने समकक्ष वेन जियाबाओ से मुलाकात की थी। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री से भी द्विपक्षीय बातचीत की थी।
सिंह यहां सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सेन लूंग से आर्थिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक एवं दोनों देशों की जनता के बीच रिश्ते प्रगाढ़ बनाने को लेकर बातचीत करेंगे।
आसियान देशों में सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारत में दूसरा सबसे बड़ा निवेशक है। सिंगापुर पहला देश है जिसके साथ 2005 में भारत ने समग्र आर्थिक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
प्रधानमंत्री सिंह यहां जवाहरलाल नेहरू की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण करेंगे। चीन के पूर्व राष्ट्रपति देंग शिआओपिंग सहित दुनिया के दिग्गज व्यक्तियों की प्रतिमा की बगल में इस आवक्ष प्रतिमा का निर्माण किया गया है।
प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह अपनी दो दिन की यात्रा के दौरान ‘फ्रेंड्स ऑफ आवर शोर’ नामक श्रृंखला के तहत निर्मित इस प्रतिमा का यहां अनावरण करेंगे।
2004 से शुरू हुई इस श्रृंखला में अभी तक यहां चार प्रतिमाओं का निर्माण किया गया है। पोलिश अंग्रेजी लेखक जोसेफ कॉनरैड (2004), आधुनिक वियतनाम के राष्ट्रपिता हो ची मिन्ह (2008), फिलीपीन के क्रांतिकारी नेता जोस रिजाल (2008) और देंग (2010) की प्रतिमाएं यहां स्थापित की गई हैं।
भारत-सिंगापुर संबंधों में नेहरू के योगदान के सम्मान में यह प्रतिमा स्थापित की गई है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने 330x460x510 मिलीमीटर आकार वाली इस आवक्ष प्रतिमा के निर्माण के लिए शिल्पकार विमान बोस को नियुक्त किया था। सिंगापुर नदी से लगे एशियन सिविलाइजेशन संग्रहालय में यह श्रृंखला स्थित है। यह इलाका ऐतिहासिक है क्योंकि आधुनिक सिंगापुर का निर्माण यहीं से शुरू हुआ।
सिंगापुर पहुंचने से पहले मनमोहन ने बाली में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में मनमोहन ने यूरोपीय वित्तीय संकट का जिक्र किया और पूर्वी एशिया एवं भारत के बीच बड़े पैमाने पर आर्थिक एकीकरण पर भी जोर दिया।
भारत-आसियान शिखर बैठक को संबोधित करते हुए सिंह ने आतंकवाद, समुद्री सुरक्षा, प्रशिक्षण और युद्ध अभ्यासों सहित कई क्षेत्रों में परस्पर सहयोग एवं निकटता बढ़ाने पर जोर दिया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और चीन के अपने समकक्ष वेन जियाबाओ से मुलाकात की थी। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री से भी द्विपक्षीय बातचीत की थी।
0 comments:
Post a Comment