बीजिंग ओलिम्पिक में अभिनव बिंद्रा के स्वर्ण पदक के बाद निशानेबाजों से उम्मीदें काफी बढ़ गई है और अगले साल होने वाले ओलिम्पिक खेलों में भारतीय निशानेबाजों के प्रदर्शन पर सभी निगाहें लगी होंगी।
आठ निशानेबाज लंदन ओलिम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं और 2011 के राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार हासिल करने वाले नारंग को पूरा भरोसा है कि वह इस दबाव से निपट लेंगे।
नारंग ने आज यहां शुरू हुई तीन दिवसीय हैदराबाद शहर पुलिस खेल प्रतियोगिता के मौके पर कहा मुझे लगता है कि हम इतनी सुखिर्यों के आदी नहीं हैं। हम तभी खबरों में आते हैं जब हम अच्छा प्रदर्शन करते हैं। इसलिए यह हमारे लिए नया है। इसलिए यह काफी दबाव वाली स्थिति है। उम्मीद है कि हम इससे अच्छी तरह निपट पाएंगे।
यह पूछने पर कि यह दबाव नकारात्मक होगा या सकारात्मक? नारंग ने कहा अगर ये अधिक हो जाता है तो निश्चित रूप से यह नकारात्मक होगा। उन्होंने कहा हम पर जितना दबाव होता है, उससे निकलने के लिए काफी प्रयास करना होता है। मैं आपको इस समय नहीं बता सकता लेकिन इसमें काफी दबाव होता है। कारतूस की कमी से उनकी तैयारियां धीमी चल रही हैं लेकिन तब तक नारंग अपनी फिटेनस पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
नारंग ने हाल में थ्री पाजीशन स्पर्धा में भी शुरूआत की और वह लंदन में 10 मीटर एयर राइफल, 50 मीटर राइफल प्रोन और 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
उन्होंने कहा इस समय हमें राष्ट्रीय चैम्पियनशिप भी खेलनी हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जनवरी में हम एशियाई एयर गन चैम्पियनशिप में भाग लेंगे, जो ओलिम्पिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाने वाले निशानेबाजों के लिए इस प्रतियोगिता में जगह बनाने का आखिरी टूर्नामेंट होगा।
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