अन्ना हजारे के प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल का कहना है कि अन्ना संसद से ऊपर हैं और उन्हें एक नागरिक के तौर पर ऐसा करने का अधिकार है।
केजरीवाल ने कहा कि जाहिर है वह खुद को संसद से ऊपर रख रहे हैं। प्रत्येक नागरिक संसद से ऊपर है। नागरिकों को यह कहने का पूरा अधिकार है कि संसद ने अपना काम नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि नागरिक संसद से अधिक महत्वपूर्ण हैं। यह संविधान में है। अन्ना हजारे और प्रत्येक नागरिक सर्वोच्च है। मुझे लगता है कि संविधान ऐसा कहता है।
केजरीवाल से पूछा गया था कि संसद में विधेयक पारित कराने के लिए अनशन की धमकी को कोई कैसे जायज ठहरा सकता है और क्या हजारे खुद को संसद से ऊपर रख रहे हैं।
उन्होंने हिसार उपचुनाव में कांग्रेस के खिलाफ प्रचार के फैसले को न्यायोचित ठहराते हुए कहा कि जन लोकपाल विधेयक को पारित कराना सत्तारूढ़ दल की जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी कहा कि जब हजारे ने कहा कि वह कांग्रेस के खिलाफ प्रचार करेंगे तो उनका आशय पूरी संप्रग से है।
कांग्रेस विरोध रुख अपनाने पर होने वाली आलोचनाओं को कमतर आंकते हुए केजरीवाल ने कहा कि अगर भाजपा जन लोकपाल विधेयक के समर्थन के अपने वादे को पूरा नहीं करती तो अन्ना की टीम उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उसके खिलाफ भी अभियान चला सकती है।
अन्ना टीम ने सपा या बसपा के खिलाफ प्रचार की घोषणा क्यों नहीं की, जिन्होंने पहले ही हजारे के विधेयक पर आपत्ति जताई है, इस बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा कि संसद में विधेयक पारित कराना सपा या बसपा की जिम्मेदारी नहीं है। अगर संप्रग विधेयक पारित नहीं करती तो अन्ना संप्रग के खिलाफ अभियान चलाएंगे।
कांग्रेस विरोधी रुख से क्या दागी छवि वाले अन्य उम्मीदवारों को मदद नहीं मिलेगी, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हजारे किसी उम्मीदवार को चरित्र प्रमाणपत्र नहीं दे रहे कि कौन अच्छा है या कौन खराब है।
केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस विरोधी रुख से उनके आंदोलन की विश्वसनीयता कम नहीं होगी और उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विरुद्ध प्रचार के फैसले पर मिली प्रतिक्रिया सकारात्मक है।






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