Thursday, 6 October 2011

खतरे में नहीं है 'ताजमहल'

हाल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में प्रदूषण, औद्योगीकरण और वनों की कटाई के चलते शस्य श्यामला यमुना के तट पर बने दुनिया के सात आश्चर्य में शामिल ताजमहल के पांच सालों में ढहने संबंधी खबरों को एक इतिहासकार ने सिरे से खारिज कर दिया है।

प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर आर नाथ ने कहा मैंने कभी यह बात नहीं कही कि ताजमहल आने वाले पांच साल में गिर जाएगा। हालांकि उनका मानना है कि ताजमहल के लिए यमुना में पानी का होना अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि यदि यमुना में पानी कम रहेगा तो ताजमहल को निरंतर नुकसान पहुंचता रहेगा। ताजमहल पर वर्ष 2010 में लिखी किताब में उन्होंने ताजमहल का नक्शा देते हुए यह विस्तार से बताया है कि इस अजूबे के लिए यमुना का क्या महत्व है।

वहीं, आगरा के सांसद रामशंकर कठेरिया ने भी इस बात से इनकार किया है कि उन्होंने यह कहा है कि ताजमहल पांच साल में गिर जाएगा बल्कि उनका कहना यह है कि यमुना में पानी न होने से ताजमहल को खतरा है, इसलिए उनकी मांग है कि भारत सरकार को इसकी चिंता करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि ताजमहल की नींव सूख रही है तथा जो हिस्से बंद कर दिए गए हैं। उनका सर्वेक्षण किया जाना चाहिए तथा बंद हिस्सों को खोला जाना चाहिए। (भाषा)

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