Saturday, 24 September 2011

उत्तर प्रदेश में कंप्यूटरों की खरीद में हुआ बड़ा घोटाला


ठ्ठ जागरण ब्यूरो, लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश में मनरेगा के तहत ब्लॉकों में कंप्यूटर की आपूर्ति में जमकर खेल हो गया। प्रदेश सरकार की नोडल एजेंसी श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड ने ब्लॉकों में कंप्यूटरों की आपूर्ति की, जो कि सुई तक नहीं बनाती। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि जिस फर्म ने श्रीट्रॉन इंडिया के जरिए कंप्यूटर सेट की आपूर्ति की वह भी मैन्युफैक्चरिंग फर्म नहीं है फिर भी महंगे दामों में करोड़ों के कंप्यूटरों की आपूर्ति कर डाली। लब्बोलुआब यह कि सरकारी तंत्र ने ही खजाने में सेंध लगा दी। प्रदेश सरकार की चार नोडल एजेंसियां हैं-अपट्रॉन इंडिया लिमिटेड, यूपीडेस्को, यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन और श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड। लखनऊ के गोमती बैराज स्थित अपट्रॉन कॉम्प्लेक्स में ही श्रीट्रॉन का भी दफ्तर है। क्षेत्रीय कार्यालय सी-5, इंडस्टि्रयल एरिया, साइट फोर, साहिबाबाद (गाजियाबाद) में है। इस कंपनी की विधिवत स्थापना 27 अक्टूबर 1979 को हुई थी। इसी तारीख को कंपनी ने एक साथ यूपीटीटी, सीएसटी और टिन नंबर हासिल किया था। कंपनी आइएसओ प्रमाणित है। इस कंपनी की स्थापना बत्रा ने की थी जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। बाद में यह कंपनी उत्तर प्रदेश सरकार की नोडल एजेंसी बन गई और प्रबंध निदेशक के रूप में पीसीएस अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई। श्रीट्रॉन समेत चारों कंपनियां अब औद्योगिक विकास आयुक्त के अधीन हैं। इस कंपनी का काम सरकार के लिए टेंडिंग और सॉफ्टवेयर व हार्डवेयर की नेटवर्किग करना है। कंपनी ने अपने जिस पंजीकृत फर्म के जरिए कंप्यूटर की आपूर्ति सूबे के तमाम जिलों में की उसका नाम राधेश्याम इंटरप्राइजेज है। खास बात यह है कि यह फर्म भी कोई कंप्यूटर नहीं बनाती। और फिर इसकी जरूरत ही क्यों पड़ी जब भारत सरकार की योजना में एनआइसी पहले भी काफी कम दरों पर कंप्यूटर की आपूर्ति और नेटवर्किग का काम करती रही है। एनआइसी के हर जिले में कलेक्ट्रेट परिसर में ही दफ्तर भी हैं। इस संबंध में बात करने पर नोडल एजेंसी श्रीट्रॉन के वर्तमान प्रबंध निदेशक एससी गुप्ता कहते हैं कि हमारी कंपनी में राधेश्याम इंटरप्राइजेज जैसी कई और फर्म भी हैं जिन्होंने कई जिलों में यह काम किया है। वह कहते हैं कि हमने शासन और प्रशासन को भेजे गए कोटेशन के बाद ही आपूर्ति की है अधिक दरों पर कंप्यूटर हमसे ही क्यों खरीदे गए इसके बारे में जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों से बात कीजिए। श्रीट्रॉन के साहिबाबाद स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के कामर्शियल एक्जिक्यूटिव डीवी सिंह भी कहते हैं कि हम कंप्यूटरों की खरीद के लिए सिर्फ टेंडिंग का काम करते हैं।

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