Friday, 12 August 2011

RECORD OF STET VERIFIED BY DIRECTORE ELIMENTARY EDUCATION

हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा 2008-09 में ली गई अध्यापक पात्रता परीक्षा में अनियमितताओं के मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश पर बुधवार को निदेशक मौलिक शिक्षा मंदीप सिंह बराड़ रिकॉर्ड की जांच करने पहुंचे। आठ घंटे की मशक्कत के बाद कुल 54 आवेदकों का परीक्षा रिकॉर्ड एफएसएल (फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ) की टीम को अंगूठे के निशान के मिलान के लिए सौंपा। बुधवार सुबह निदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा मंदीप सिंह बराड़ अपनी टीम के साथ व शिकायतकर्ताओं का अधिवक्ता जसवीर सिंह मोर, शिकायतकर्ता पंचायत भवन में पहुंचे। परीक्षाओं के रिकॉर्ड की सील शिक्षा बोर्ड सचिव शेखर विद्यार्थी, अतिरिक्त उपायुक्त व एसडीएम की मौजूदगी में जांच अधिकारी द्वारा खोली गई। एक-एक प्रत्याशी का परीक्षा रिकार्ड, ओएमआर सीट, उत्तर पुस्तिका की फोटो प्रतियां वापस सील कर दी गई और असल रिकार्ड जांच अधिकारी द्वारा अपने कब्जे में ले लिया गया। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने अगस्त 2008 में 1 लाख 73 हजार, जुलाई 2009 में 1 लाख 36 हजार तथा दिसंबर 2009 में 1 लाख 63 हजार परीक्षार्थियों की पात्रता परीक्षा ली थी। इन परीक्षाओं में जेबीटी के 12 हजार 726 व 18 हजार 369 परीक्षार्थी पास हुए थे। इनमें से हरियाणा सरकार द्वारा 8402 जेबीटी अध्यापकों की नियुक्तियां 2010 में की गई थी। इन नियुक्तियों में असफल रहे प्रत्याशियों में से कविता कुमारी, प्रवीण कुमार ने पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट में याचिका डालकर पात्रता परीक्षा की पवित्रता पर उंगली उठाई। शिकायतकर्ताओं का आरोप था कि परीक्षा में काफी संख्या में परीक्षार्थियों के अंगूठों के निशान फर्जी हैं और असल उम्मीदवारों के स्थान पर फर्जी उम्मीदवारों ने परीक्षा दी है। शिकायतकर्ताओं ने न्यायालय को 62 फर्जी उम्मीदवारों का रिकार्ड सहित नाम भी दिया। इसी मामले की जांच बारे आज मौलिक शिक्षा निदेशक मंदीप सिंह बराड़ व मधुबन फोरेंसिक लैब के फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ प्रीतम सिंह व राजेश्र्वर प्रकाश भिवानी पहुंचे। याचिकाकर्ताओं के वकील जसवीर मोर ने बताया कि 18 मार्च को कोर्ट ने शीघ्र जांच करने के आदेश दिए थे, लेकिन जांच अधिकारी ने चार महीने तक मामले को लटकाए रखा। आखिरकार न्यायालय की अवमानना का नोटिस 29 जुलाई को जांच अधिकारी दिया गया तो जांच अधिकारी ने 9 अगस्त को उन्हें पत्र भेजकर जांच में शामिल होने की बात कही। न्यायालय ने सभी 62 परीक्षार्थियों का रिकार्ड मुहैया करवाने के आदेश दिए गए थे, लेकिन जांच अधिकारी ने केवल 54 परीक्षार्थियों का रेकार्ड मुहैया करवाया है। उन्होंने बताया कि 11 अगस्त को हाई कोर्ट में प्रवीण कुमार शिकायतकर्ता के केस की सुनवाई होनी है। उधर फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ प्रीतम सिंह का कहना है कि उनके कब्जे में दिए गए 54 परीक्षार्थियों के रिकार्ड पर अंगुठे के निशान का मिलान करने में दो-तीन माह का समय लगेगा, क्योंकि उनकी शाखा में स्टाफ की भारी कमी है। जांच अधिकारी मंदीप सिंह बराड़ का कहना है कि पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेशानुसार उन्होंने स्टेट परीक्षा में वांछित 54 परीक्षार्थियों का रिकार्ड मधुबन टीम को सौंप दिया है। इसके बाद न्यायालय द्वारा जो भी आदेश जारी किए जाएंगे तथा फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ की जो भी रिपोर्ट आएगी वह न्यायालय में प्रस्तुत कर दी जाएगी। 2008 में हुई पात्रता की परीक्षा में 14 परीक्षार्थियों का, अगस्त 2009 में परीक्षा में 20 परीक्षार्थियों का तथा दिसंबर 2009 में परीक्षा में 11 परीक्षार्थियों का रिकार्ड जांच के लिए लिया गया है।

0 comments:

Post a Comment

Share

Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More